Burari Case: चुंडावत परिवार की रहस्यमयी मौतें | 7 साल बाद भी बना रहस्य
दिल्ली के बुराड़ी इलाके में 1 जुलाई 2018 को एक ऐसा रहस्य सामने आया जिसने पूरे देश को हिला दिया। चुंडावत परिवार के 11 सदस्यों की एक साथ रहस्यमयी मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए। इस घटना को Burari Case के नाम से जाना जाता है।
घटना का विवरण
1 जुलाई की सुबह, पड़ोसियों ने चुंडावत परिवार के घर से कोई आवाज़ न आने पर दरवाज़ा खटखटाया। जब पुलिस ने दरवाज़ा खोला, तो सामने का नज़ारा बेहद डरावना था:
- 10 लोग फंदे से लटके हुए मिले
- एक बुजुर्ग महिला की लाश ज़मीन पर पड़ी थी
- सभी के आँखों पर पट्टी बंधी हुई थी
- घर में धार्मिक नोटबुक्स और रिचुअल की जानकारियाँ मिलीं
पुलिस जांच और सिद्धांत
दिल्ली पुलिस ने इसे “सामूहिक आत्महत्या” करार दिया। परिवार एक धार्मिक अनुष्ठान में शामिल था जिसमें उन्होंने आत्मा के मोक्ष के लिए खुद को अर्पित किया।
हालांकि:
- कोई सुसाइड नोट नहीं मिला
- CCTV फुटेज में कोई बाहरी व्यक्ति नहीं दिखा
- पूरा मामला एक प्लान की तरह लग रहा था
‘बड़ का पेड़’ और तंत्र-मंत्र की थ्योरी
नोटबुक्स में एक ऐसी प्रक्रिया का ज़िक्र था जिसमें “बड़ का पेड़” की पूजा कर आत्मा मोक्ष पा सकती है। माना जाता है कि परिवार के एक सदस्य को आत्मा से संपर्क होता था और उसने सबको यह अनुष्ठान करने को कहा।
7 साल बाद भी सवाल कायम
2025 में इस घटना को 7 साल बीत चुके हैं, फिर भी कई सवाल आज भी अनुत्तरित हैं:
- क्या यह आत्महत्या थी या मानसिक कंट्रोल?
- क्या किसी बाहरी शक्ति का प्रभाव था?
- अब तक इसका पूरा सच सामने नहीं आ पाया है
Burari Case पर विशेषज्ञों की राय
इस burari case ने ना सिर्फ आम जनता बल्कि मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और क्रिमिनल साइकोलॉजिस्ट्स को भी हैरान कर दिया। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि यह एक प्रकार की “Shared Psychosis” (Folie à deux) का मामला हो सकता है, जिसमें एक सदस्य की मान्यताएं पूरे परिवार में फैल जाती हैं।
पुलिस रिपोर्ट में सामने आया कि चुंडावत परिवार के एक सदस्य, ललित, का व्यवहार पिछले कुछ वर्षों से असामान्य हो गया था। उसने कहा कि उसे अपने मृत पिता की आत्मा से आदेश मिलते हैं। माना जाता है कि उसी के प्रभाव में पूरे परिवार ने यह धार्मिक अनुष्ठान अपनाया, जो अंत में उनकी मृत्यु का कारण बना।
बुराड़ी केस की सामाजिक प्रतिक्रिया
burari case की खबर आते ही देशभर में सनसनी फैल गई थी। सोशल मीडिया पर इस केस को लेकर कई थ्योरीज सामने आईं — कुछ ने इसे तंत्र-मंत्र बताया, तो कुछ ने इसे सोची-समझी साजिश।
कई न्यूज़ चैनलों ने इस केस की गहराई से जांच की, और नेटफ्लिक्स की डॉक्यूमेंट्री “House of Secrets: The Burari Deaths” ने भी इस घटना को विस्तार से दर्शाया।
यह केस आज भी लोगों को सोचने पर मजबूर करता है कि कैसे एक शिक्षित और सामान्य दिखने वाला परिवार ऐसे भयानक अंत तक पहुंच सकता है।
यह मामला क्यों इतना रहस्यमयी है?
burari case को अब 7 साल हो चुके हैं, लेकिन आज भी यह भारत के सबसे रहस्यमयी केसों में से एक है। इसमें न तो कोई प्रत्यक्ष अपराधी सामने आया, और न ही कोई साफ-सुथरा कारण। यही वजह है कि यह केस आज भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
बुराड़ी केस में सामने आई डायरी की बातें
burari case की जांच के दौरान सबसे चौंकाने वाली चीज़ थी — 11 डायरी नोटबुक्स, जो 11 वर्षों तक नियमित रूप से लिखी गई थीं। इन नोट्स में हर दिन की गतिविधियाँ, धार्मिक नियम, और “आदेश” दर्ज थे, जिन्हें ललित को कथित रूप से उनके पिता की आत्मा से मिलते थे।
इन डायरियों में लिखा था कि “आंखों पर पट्टी बांधो, सांस को नियंत्रित करो, और विश्वास रखो – मुक्ति मिलेगी।”
ये वाक्य दर्शाते हैं कि परिवार एक गहरे मानसिक भ्रम और आस्था में फंस चुका था।
मीडिया और समाज पर प्रभाव
burari case केवल एक पुलिस केस नहीं रहा — यह एक सामाजिक चेतावनी बन गया कि कैसे अंधविश्वास और मानसिक बीमारियों की अनदेखी पूरे परिवार के लिए घातक हो सकती है।
टीवी न्यूज़ चैनलों ने हफ्तों तक इस मामले को प्रमुखता दी। सोशल मीडिया पर #BurariCase ट्रेंड करने लगा, और लोगों ने मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर चर्चा शुरू की।
जनता की प्रतिक्रियाएं
burari case को लेकर लोगों की राय दो भागों में बंटी रही — कुछ लोग इसे “काली शक्तियों” या तांत्रिक प्रभाव का नतीजा मानते हैं, तो कुछ इसे मानसिक बीमारी और सामाजिक दबाव का खतरनाक संगम कहते हैं।
अब तक यह केस युवाओं, मनोवैज्ञानिकों, और सामाजिक विशेषज्ञों के लिए एक Case Study बन चुका है।
निष्कर्ष
Burari Case केवल एक अपराध की कहानी नहीं, बल्कि एक ऐसा रहस्य है जो आज भी लोगों को हैरान करता है। चुंडावत परिवार की मौतें कई थ्योरीज़ और सवालों को जन्म देती हैं – जिनका उत्तर अभी बाकी है।
इस तरह की और रहस्यमयी खबरें पढ़ें: यहाँ क्लिक करें |