ट्रम्प भारत टैरिफ-भारत पर ट्रम्प का टैक्स हमला: 50% टैरिफ लागू

नई दिल्ली, 7 अगस्त 2025: ट्रम्प भारत टैरिफ- अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर दुनिया को चौंका दिया है। इस बार उनका निशाना बना है भारत, जिस पर उन्होंने कुल 50% आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की घोषणा कर दी है। इस फैसले के बाद से व्यापारिक और राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि यह फैसला क्यों लिया गया, इसका भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा और सरकार की प्रतिक्रिया क्या रही।
क्या है पूरा मामला?
ट्रम्प भारत टैरिफ- डोनाल्ड ट्रम्प ने 30 जुलाई 2025 को भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जो पहले से लगे 25% टैरिफ के साथ मिलकर अब कुल 50% हो चुका है। यह कदम ट्रम्प प्रशासन द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए उठाया गया। ट्रम्प ने कहा कि भारत द्वारा रूस से तेल और हथियार खरीद जारी रखना अमेरिका के हितों के खिलाफ है।
6 अगस्त 2025 को ट्रम्प ने एक executive order साइन किया जिससे यह टैरिफ लागू हुआ। यह नियम 27 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा। हालांकि जिन सामानों की शिपिंग पहले ही हो चुकी है, उन्हें 17 सितंबर तक छूट दी जाएगी।
भारत की सरकार की प्रतिक्रिया
भारत सरकार ने इस कदम की कड़ी निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि, “यह फैसला अनुचित, अन्यायपूर्ण और एकतरफा है। भारत की ऊर्जा जरूरतें उसकी जनसंख्या और विकास की आवश्यकताओं पर आधारित हैं।”
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि रूस से तेल खरीद पूरी तरह से राष्ट्रीय हित और सार्वजनिक भलाई के लिए की जा रही है और यह किसी भी वैश्विक कानून का उल्लंघन नहीं करती।
किन भारतीय सेक्टरों पर पड़ेगा सीधा असर?
- टेक्सटाइल इंडस्ट्री – भारत के कपड़ा निर्यात पर अमेरिका में अब 50% शुल्क लगेगा, जिससे प्रतिस्पर्धा घटेगी।
- रत्न और आभूषण उद्योग – भारत अमेरिका को हीरे और सोने के गहनों का सबसे बड़ा निर्यातक है। इस पर बड़ा असर पड़ेगा।
- फार्मास्युटिकल्स – जेनेरिक दवाओं पर भी असर हो सकता है।
- लेदर और फुटवियर – इन उत्पादों की कीमतें अमेरिका में दोगुनी हो सकती हैं।
भारत की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
ट्रम्प भारत टैरिफ- टैरिफ बढ़ने से भारत के निर्यात पर असर पड़ेगा, खासकर MSME सेक्टर पर। लेकिन फिलहाल RBI ने GDP ग्रोथ रेट को 6.5% पर स्थिर रखा है।
स्टॉक मार्केट में हल्की गिरावट देखी गई है। Nifty और Sensex में 200-300 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि मार्केट ने इस टैरिफ की आशंका पहले ही प्राइस में शामिल कर ली थी।
रुपया फिलहाल स्थिर है, जिसका मुख्य कारण है RBI का सक्रिय हस्तक्षेप।
क्या अमेरिकी कंपनियां भारत से दूरी बनाएंगी?
भले ही ट्रम्प प्रशासन ने यह टैरिफ लागू किया है, लेकिन Apple, Google, Tesla जैसी कंपनियां भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लगाने में रुचि दिखा रही हैं। “चाइना प्लस वन” रणनीति के तहत भारत एक बड़ा विकल्प बना हुआ है।
रिपब्लिकन बनाम डेमोक्रेट सोच में अंतर
जहां डेमोक्रेट्स वैश्विक सहयोग और व्यापार समझौतों को बढ़ावा देते हैं, वहीं ट्रम्प की रिपब्लिकन सोच ‘America First’ और ‘Reciprocal Tariffs’ पर आधारित रही है। ट्रम्प पहले भी 2018-19 में चीन, भारत और यूरोपीय संघ पर टैरिफ लगा चुके हैं।
ट्रेड विशेषज्ञों की राय
ट्रेड विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला राजनीतिक और सामरिक कारणों से लिया गया है। भारत को अब विविध बाजारों की ओर देखना चाहिए – जैसे अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, मिडिल ईस्ट – ताकि व्यापार पर टैरिफ का असर कम हो।
भारतीय उद्योग मंडल PHDCCI ने कहा, “यह टैरिफ दीर्घकालिक असर नहीं डालेगा। भारत का व्यापारिक ढांचा इतना मजबूत है कि वह अमेरिका की बजाय अन्य देशों के साथ संतुलन बना सकता है।”
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रम्प का भारत पर 50% टैरिफ लगाना एक बड़ा कदम है जो दोनों देशों के संबंधों को झटका दे सकता है। हालांकि भारत ने इसपर सख्त रुख अपनाया है और रणनीतिक जवाब भी तैयार कर रहा है। इस घटनाक्रम का भविष्य क्या होगा यह आने वाले हफ्तों में और स्पष्ट होगा।
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