
अमेरिका द्वारा भारत पर 50% तक के भारी टैरिफ लगाने के दो हफ्ते बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड बैरियर्स को कम करने के लिए बातचीत जारी है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर बात करेंगे और दोनों देशों के लिए एक सफल समाधान तक पहुंचने में कोई कठिनाई नहीं होगी।
📅 अमेरिका ने क्यों लगाया 50% टैरिफ?
जुलाई 2025 में, अमेरिका ने भारतीय सामानों पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया था, जो पहले से लागू 25% ड्यूटी के ऊपर जोड़ा गया। इस तरह कुल टैरिफ 50% तक पहुंच गया।
- वजह: भारत द्वारा रूस से सस्ता तेल खरीदना।
- अमेरिका का आरोप: भारत रूस के तेल को रिफाइन कर दूसरे देशों में बेचकर “वॉर प्रोफिटियरिंग” कर रहा है।
🔄 ट्रंप का बदला हुआ रवैया
हालांकि ट्रंप ने पहले भारत पर कई बार कड़ी आलोचना की थी—
- भारत को “Dead Economy” कहा।
- कहा कि भारत के टैरिफ “दुनिया में सबसे कठिन और आपत्तिजनक” हैं।
- यहां तक कि उन्होंने यूक्रेन युद्ध को “Modi’s War” भी कहा।
लेकिन अब उनका रुख नरम दिख रहा है। उनका कहना है कि भारत और अमेरिका दोनों देशों के हित में जल्द ही सकारात्मक नतीजे सामने आएंगे।
⚡ किन सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा असर?
अमेरिकी टैरिफ का सीधा झटका भारत के एक्सपोर्ट-हैवी सेक्टर्स को लगा है। कई उद्योग अब UAE, कतर और यूरोप जैसे नए बाजारों की तलाश कर रहे हैं।
👕 टेक्सटाइल और अपैरल
- निटेड अपैरल पर ड्यूटी: 63.9%
- वोवन अपैरल पर ड्यूटी: 60.3%
- असर: भारत के $10.3 बिलियन टेक्सटाइल एक्सपोर्ट्स पर 40–50% तक गिरावट आ सकती है।
- अमेरिका अभी भी भारत का सबसे बड़ा बाजार है।
🦐 सीफूड और श्रिम्प
- मौजूदा ड्यूटी: 17.7% → नई ड्यूटी: 25%
- भारतीय श्रिम्प एक्सपोर्टर्स को बड़ा झटका।
- कंपनियों जैसे Avanti Feeds और Apex Foods के शेयर प्राइस गिरे।
🌾 कृषि उत्पाद
- भारत के $50 बिलियन+ कृषि निर्यात पर असर।
- किसान और एक्सपोर्टर्स नए बाजार खोजने में जुटे।
💎 जेम्स और ज्वेलरी
- भारत का $10 बिलियन जेम्स & ज्वेलरी एक्सपोर्ट सेक्टर बुरी तरह प्रभावित।
- यह सेक्टर US मार्केट में 40% हिस्सेदारी रखता था।
- विशेषज्ञों के अनुसार, अब स्विट्ज़रलैंड जैसे देशों को मौका मिल सकता है, जहां टैरिफ रेट सिर्फ 39% है।
🌍 भारत–अमेरिका रिश्तों का आर्थिक महत्व
- अमेरिका भारत के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है।
- भारत, अमेरिका का तीसरा सबसे बड़ा सप्लायर है (चीन और वियतनाम के बाद)।
- भारी टैरिफ से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार और रोजगार पर असर पड़ सकता है।
अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ भारत के लिए बड़ा झटका है, लेकिन बातचीत की संभावना खुली है। ट्रंप का हालिया बयान यह संकेत देता है कि भारत–अमेरिका ट्रेड डील जल्द ही किसी सकारात्मक मोड़ पर पहुंच सकती है।
👉 फिलहाल, भारतीय उद्योगों को नए बाजार खोजने और सप्लाई चेन डाइवर्सिफिकेशन पर ध्यान देना होगा।
❓India–US Trade War 2025: FAQs
1. अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ क्यों लगाया?
अमेरिका ने यह टैरिफ भारत के रूस से सस्ता तेल खरीदने और उसे रिफाइन कर बेचने के चलते लगाया।
2. भारत के किन सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है?
टेक्सटाइल, सीफूड, कृषि और जेम्स–ज्वेलरी सेक्टर्स पर सबसे बड़ा असर पड़ा है।
3. क्या भारत–अमेरिका के बीच बातचीत जारी है?
हां, राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि उनकी जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत होगी और समाधान निकाला जाएगा।
4. भारत के एक्सपोर्टर्स क्या कर रहे हैं?
भारतीय एक्सपोर्टर्स अब अमेरिका की जगह UAE, कतर और यूरोपीय देशों जैसे नए बाजारों की तलाश कर रहे हैं।
5. जेम्स और ज्वेलरी सेक्टर पर कितना असर होगा?
भारत का $10 बिलियन का यह सेक्टर अमेरिकी मार्केट में 40% हिस्सेदारी रखता था, जिस पर अब भारी दबाव है।
Source Livemint