📝 Index (Table of Contents)
- Dussehra 2025 Kab Hai?
- Dussehra Ka Itihas aur Mahatva
- Ram-Ravan Yudh aur Vijayadashami
- Ravan Ke 10 Sir Ka Prateek
- Dussehra Puja Vidhi aur Karya
- Bharat Bhar Mein Dussehra Ke Anokhe Roop
- Dussehra Se Jude Updesh aur Sandesh
- Final Thoughts


Dussehra 2025 Kab Hai?
दशहरा, जिसे विजयादशमी भी कहा जाता है, इस साल अक्टूबर 2025 में मनाया जाएगा। यह पर्व आश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को आता है। नवरात्रि के 9 दिनों की भक्ति और शक्ति की आराधना के बाद, दशहरे का दिन अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है।
Dussehra Ka Itihas aur Mahatva
दशहरा दो प्रमुख कारणों से मनाया जाता है:
- श्रीराम की विजय: जब भगवान राम ने लंका में रावण का वध किया और माता सीता को वापस लाए।
- माँ दुर्गा की आराधना: इसी दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर का संहार किया था।
यही वजह है कि दशहरा को शक्ति और धर्म की विजय का पर्व माना जाता है।
Ram-Ravan Yudh aur Vijayadashami
राम और रावण के बीच युद्ध कई दिनों तक चला। अंत में दशमी के दिन प्रभु राम ने रावण को अपने ब्रह्मास्त्र से पराजित किया। यह घटना बताती है कि कितना भी बलशाली हो, यदि वह अधर्म के मार्ग पर है, तो अंततः पराजित होगा।
Ravan Ke 10 Sir Ka Prateek
रावण के 10 सिर को केवल शक्ति का नहीं बल्कि 10 बुरी आदतों का प्रतीक माना जाता है।
रावण का सिर | प्रतीकात्मक बुराई |
---|---|
1 | काम (अत्यधिक इच्छाएं) |
2 | क्रोध |
3 | लोभ |
4 | मोह |
5 | मद (अहंकार) |
6 | मत्सर (ईर्ष्या) |
7 | अन्याय |
8 | आलस्य |
9 | असत्य |
10 | अहं (अहंकार का चरम) |
दशहरे पर रावण दहन का अर्थ है इन 10 बुराइयों को जलाकर जीवन से हटाना।
Dussehra 2025 Puja Vidhi aur Karya
- सुबह स्नान कर घर को साफ करें और भगवान राम व माँ दुर्गा की मूर्ति स्थापित करें।
- शमी वृक्ष (या अपराजिता के पत्ते) को पूजें, इसे स्वर्ण पत्ते (sona-patra) माना जाता है।
- रामायण या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
- शाम को रावण दहन देखना परंपरा है, जहां बड़े-बड़े मैदानों में पुतले जलाए जाते हैं।
- इस दिन लोग नए काम की शुरुआत को शुभ मानते हैं।
Bharat Bhar Mein Dussehra Ke Anokhe Roop
- उत्तर भारत: रावण दहन और रामलीला सबसे प्रसिद्ध।
- पश्चिम बंगाल: नवरात्रि की समाप्ति पर दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन।
- दक्षिण भारत: मैसूर दशहरा का भव्य जुलूस, हाथियों की शोभायात्रा।
- महाराष्ट्र: शमी वृक्ष के पत्ते “सोना” मानकर एक-दूसरे को भेंट किए जाते हैं।
Dussehra Se Jude Updesh aur Sandesh
- बुराई कितनी भी बड़ी क्यों न हो, धर्म और सत्य की जीत निश्चित है।
- यह पर्व हमें आत्म-सुधार और बुराइयों को त्यागने का संदेश देता है।
- समाजिक दृष्टि से, दशहरा एकता और सामूहिक उत्सव का प्रतीक है।
✨ विजयदशमी का महत्व
विजयदशमी, जिसे दशहरा भी कहा जाता है, भारत का प्रमुख त्यौहार है। यह असत्य पर सत्य की, अधर्म पर धर्म की और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। नवरात्रि के दसवें दिन यह पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर लंका विजय प्राप्त की थी। साथ ही, माँ दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का संहार कर देवताओं को भयमुक्त किया था। इसलिए विजयदशमी को शक्ति, साहस और धर्म की विजय का दिन माना जाता है।
📖 विजयदशमी की कथा
- रामायण कथा – श्रीराम ने माता सीता की रक्षा और धर्म की पुनः स्थापना के लिए लंका के राजा रावण का वध किया। इसीलिए इस दिन रावण दहन की परंपरा है।
- दुर्गा सप्तशती कथा – देवी दुर्गा ने नौ दिनों तक महिषासुर से युद्ध कर दशमी के दिन उसे मारकर देवताओं की रक्षा की। इसीलिए दशहरा को शक्ति पूजन और विजय का पर्व माना जाता है।
🙏 विजयदशमी पर पूजा विधि
- सुबह स्नान कर घर को स्वच्छ करें।
- भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमानजी की पूजा करें।
- शस्त्र पूजन और वाहन पूजन का विशेष महत्व है।
- माँ दुर्गा को लाल पुष्प, नारियल और प्रसाद अर्पित करें।
- शाम को रावण दहन देखने जाएं या घर पर अच्छाई की जीत का संकल्प लें।
🍴 दशहरे पर व्रत और नियम
- नवरात्रि के व्रत करने वाले भक्त दशमी के दिन व्रत का पारायण करते हैं।
- इस दिन ब्राह्मणों और कन्याओं को भोजन करवाना और दान देना शुभ माना जाता है।
- विजयदशमी को नए कार्यों की शुरुआत करना, शिक्षा प्रारंभ करना और शस्त्र पूजन करना अत्यंत मंगलकारी होता है।
🪔 विजयदशमी का आध्यात्मिक संदेश
- यह पर्व हमें सिखाता है कि चाहे बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः अच्छाई ही जीतती है।
- यह दिन आत्मबल, साहस और धर्म पर अडिग रहने की प्रेरणा देता है।
- दशहरा का अर्थ है जीवन से अहंकार, क्रोध और नकारात्मकता का नाश करना।

Final Thoughts
दशहरा 2025 केवल एक पर्व नहीं बल्कि जीवन का संदेश है कि अच्छाई अंततः जीतती है। रावण दहन के साथ हमें अपने अंदर के अहंकार, क्रोध और लोभ को भी जलाना चाहिए। विजयदशमी हमें प्रेरित करती है कि चाहे कितनी भी चुनौतियाँ हों, सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने वाला ही विजयी होता है। https://www.mynameart.com/greeting-cards/dussehra?utm_source=chatgpt.com